तबियत थीक थी और दिल्ल - The Indic Lyrics Database

तबियत थीक थी और दिल्ल

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - लता | संगीत - सरदूल क्वात्र | फ़िल्म - मिर्जा साहिबान | वर्ष - 1957

View in Roman

तबियत थीक थी और दिल्ल भी बेक़रार न था
तबियत थीक थी और दिल्ल भी बेक़रार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
न थीं बेचैनियाँ बेताबियाँ और ग़म भी न था
कोई महबूब न था कोई भी हमदम नहीं न था
किसी (?) का और इंतज़ार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
तबियत थीक थी और दिल्ल भी बेक़रार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
किसी पराये की बातों में ये मिठास (?) न थी
मेरे पे (?) आज दिल को तो कोई भी आस न थी
किसी के झूठे वादों पे भी ऐतबार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
मेरी नींदों की दुनिया में किसी के सपने न थे
जहाँ के दर्द और दुख भी मेरे अपने न थे
मेरा दिल ठँडी आह का कभी शिकार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
तबियत थीक थी और दिल्ल भी बेक़रार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था$