है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ - The Indic Lyrics Database

है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ

गीतकार - पं नरेंद्र शर्मा | गायक - लता | संगीत - अली अकबर खान | फ़िल्म - आंधियां | वर्ष - 1952

View in Roman

है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ
आती हैं दुनिया में सुख-दुख की सदा यूँ आँधियाँ, आँधियाँ-2
है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ

क्या राज़ है, क्या राज़ है
क्या राज़ है, क्या राज़ है
आज परवाने को भी अपनी लगन पर नाज़ है, नाज़ है
क्यों शमा बेचैन है, ख़ामोश होने के लिये-2
आँसुओं की क्या ज़रूरत-2
दिल को रोने के लिये-2
तेरे दिल का साज़ पगली-2
आज बेआवाज़ है-2
है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ

Pअर्त ईई


है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ-2
आती हैं दुनिया में सुख-दुख की सदा यूँ आँधियाँ, आँधियाँ

आईं ऐसी आँधियाँ
आईं ऐसी आँधियाँ, आँधियाँ
बुझ गया घर का चिराग़
धुल नहीं सकता कभी जो पड़ गया आँचल में दाग़-2
थे जहाँ अरमान
थे जहाँ अरमान उस दिल को मिली बरबादियाँ, बरबादियाँ

है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ-2

Pअर्त ईईई

ज़िंदगी के सब्ज़ दामन में-2
कभी फूलों के बाग़
ज़िंदगी के सब्ज़ दामन में

ज़िंदगी में सुर्ख़ दामन में कभी काँटों के दाग़-2
कभी फूलों के बाग़ कभी काँटों के दाग़
फूल-काँटों से भरी हैं ज़िंदगी की वादियाँ

है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ
आती हैं दुनिया में सुख-दुख की सदा यूँ आँधियाँ, आँधियाँ-2
है कहीं पर शादमानी और कहीं नाशादियाँ$