है दिल में मिलन की आस - The Indic Lyrics Database

है दिल में मिलन की आस

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - तलत महमूद | संगीत - स्नेहल भटकर | फ़िल्म - बिंदिया | वर्ष - 1955

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सुन दूर से किसी कि आवाज़ आ रही है
मंज़िल तेरी मुसाफ़िर तुझको बुला रही है

है दिल में मिलन की आस (2)
तो मंज़िल आजाएगी पास
मुसाफ़िर
मुसाफ़िर हँसता गाता चल (2)
है दिल में मिलन की आस (2)

ये झुमके चाँद सितारों के (2)
ये सुन्दर फूल बहारों के (2)
इन्हें भी ले चल अपने साथ (2)
ये नन्ही कलियों की सौग़ात (2)
गाले का हार बनाता चल (2)
है दिल में मिलन की आस (2)

(ये झरना गुन-गुन गाता है
संदेस किसी क लाता है) /-2
कर ले इससे भी दो बात (2)
रहेगी याद हमें ये रात (2)
ख़ुशी के गीत सुनाता चल (2)
है दिल में मिलन की आस (2)

ले ख़त्म है दूरी मंज़िल की (3)
दो चार क़दम है और अभी (2)
तेरी आँखों क वो नूर (2)
नहीं अब तेरी नज़र से दूर (2)
ज़रा आवाज़ लगाता चल (3)$