रात भी है कुछ भीगी भीगी - The Indic Lyrics Database

रात भी है कुछ भीगी भीगी

गीतकार - मकदूम मोहिउद्दीन | गायक - सहगान, मन्ना दे | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - उसने कहा था | वर्ष - 1960

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रात भी है कुछ भीगी-भीगी
चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम
तुम आओ तो आँखें खोलें
सोई हुई पायल की छम छम

१) किसको बताएं कैसे बताएं
आज अजब है दिल का आलम
चैन भी है कुछ हल्का हल्का
दर्द भी है कुछ मद्धम मद्धम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम

२) तपते दिल पर यूं गिरती है
तेरी नज़र से प्यार की शबनम
जलते हुए जंगल पर जैसे
बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम

३) होश में थोड़ी बेहोशी है
बेहोशी में होश है कम कम
तुझको पाने की कोशिश में
दोनों जहाँ से खो गए हम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम, रात ...