ये रात भी जा रहई है के गम की घटा छा रही है - The Indic Lyrics Database

ये रात भी जा रहई है के गम की घटा छा रही है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - सौ साल बाद | वर्ष - 1966

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ये रात भी जा रही है
के ग़म की घटा छा रही है
मेरे हमदम तू नहीं आया
ये रात भी जा ...नहीं जिस तरफ़ कोई मंज़िल उसी राह पे चल रही हूँ
तेरी याद में ओ सितमगर शमा की तरह जल रही हूँ -२
शमा बुझी जा रही है
मेरे हमदम तू ...कोई दुश्मनी आसमाँ की मुहोब्बत की हर दास्ताँ की
कहीं ये न हो कि तू आए चले जाएँ हम इस जहाँ से -२
होंठों पे जाँ आ रही है
मेरे हमदम तू ...ये रात भी ( जा रही है ) -३