बेकुदी में सनम उत गे जो कदामो - The Indic Lyrics Database

बेकुदी में सनम उत गे जो कदामो

गीतकार - अख्तर रोमानी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - हसीना मान जाएगी | वर्ष - 1968

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ल : बेख़ुदी में सनम उठ गए जो क़दम
आ गए आ गए ( आ गए पास हम ) -२
र : बेख़ुदी में सनम ...ल : आग ये कैसी मन में लगी है
मन से बड़ी तो तन में लगी है
र : आग नहीं ये दिल की लगी है
जितनी बुझाई उतनी बढ़ी है
ल : दिल की लगी ना हो तो क्या ज़िन्दगी है
सथ हम जो चले मिट गए फ़ासले
आ गए आ गए ...
दो : बेख़ुदी में सनम ...र : खोई नज़र थी सोए नज़ारे
देखा तुम्हें तो जागे ये सारे
ल : दिल ने किए जो दिल को इशारे
मिल के चले हम साथ तुम्हारे
आज ख़ुशी से मेरा दिल ये पुकारे
तेरा दामन मिला प्यार मेरा खिला
आ गए आ गए ...
दो : बेख़ुदी में सनम ...ल : दिल की कहानी पहुँची ज़ुबाँ तक
किसको ख़बर अब पहुँचे कहाँ तक
र : प्यार के राही आए यहाँ तक
जाएँगे दिल की हद है जहाँ तक
ल : तुम साथ दो तो चलें हम आसमाँ तक
दिल में अरमाँ लिए लाखों तूफ़ाँ लिए
चल पड़े क़ाफ़िले
दो : आ गए आ गए ...
बेख़ुदी में सनम ...