वो जिंदगी जो थी अब तेरी पनाहों में - The Indic Lyrics Database

वो जिंदगी जो थी अब तेरी पनाहों में

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - नीलकमल | वर्ष - 1968

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वो ज़िन्दगी जो थी अब तेरी पनाहों में -२
चली है आज भटकने उदास राहों में
वो ज़िन्दगी जो ...तमाम उम्र के रिश्ते घड़ी में ख़ाक़ हुए -२
न हम हैं दिल में किसी के न हैं निगाहों में -२
वो ज़िन्दगी जो ...ये आज जान लिया अपनी कमनसीबी ने -२
कि बेग़ुनाही भी शामिल हुई ग़ुनाहों में -२
वो ज़िन्दगी जो ...किसी को अपनी ज़रूरत न हो तो क्या कीजे -२
निकल पड़े हैं सिमटने क़ज़ा की बाँहों में -२
वो ज़िन्दगी जो ...