जाता हुन मैं मुजे अब ना बुलाना: - The Indic Lyrics Database

जाता हुन मैं मुजे अब ना बुलाना:

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दादी माँ | वर्ष - 1966

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जाता हूँ मैं मुझे
अब ना बुलाना
मेरी याद भी अपने
दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी
मन्ज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं( प्यासा था बचपन जवानी भी
मेरी प्यासी
पीछे ग़मों की गली
आगे उदासी ) -२
हो मैं तन्हाई का राही
कोई अपना ना बेगानामुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने
दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी
मन्ज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं( मुझको हँसी भी मिली
साये लिये दुख के
खुल के न रोया किसी
काँधे पे झुक के ) -२
हो मेरा जीवन भी क्या है
अधूरा सा इक अफ़सानामुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने
दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी
मन्ज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं( था प्यार का इक दिया
वो भी बुझा डाला
धुँधला सा भी कहीं
क्यूँ हो उजाला ) -२
हो अब उन यादों से कह दो
मेरी दुनिया में ना आनामुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने
दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी
मन्ज़िल न कोई ठिकाना