तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे - The Indic Lyrics Database

तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - ससुराल | वर्ष - 1961

View in Roman

तेरी प्यारी प्यारी सूरत को, किसी की नज़र ना लगे
चश्म-ए-बद दूर
मुखड़े को छुपा लो आँचल में, कहीं मेरी नज़र ना लगे
चश्म-ए-बद दूरयूँ ना अकेले फिरा करो, सबकी नज़र से डरा करो (२)
फूल से ज़्यादा नाज़ुक़ हो तुम चाल सम्भल कर चला करो
ज़ुल्फ़ों को गिरा लो गालों पर, मौसम की नज़र ना लगे
चश्म-ए-बद दूर
तेरी प्यारी प्यारी...एक झलक जो पाता है, राही वहीं रुक जाता है (२)
देख के तेरा रूप सलोना चाँद भी सर को झुकाता है
देखा न करो तुम आईना कहीं ख़ुद की नज़र ना लगे
चश्म-ए-बद दूर
तेरी प्यारी प्यारी...दिल में चुभे वो तीर हो तुम, चाहत की तक़दीर हो तुम (२)
कौन न होगा तुम पे दिवाना, प्यार भरी तस्वीर हो तुम
निकला न करो तुम राहों पर, ज़र्रों की नज़र न लगे
चश्म-ए-बद दूर