दिल कुश है आज उनसे मुलाक़ात हो गयि - The Indic Lyrics Database

दिल कुश है आज उनसे मुलाक़ात हो गयि

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - ग़ज़ल | वर्ष - 1964

View in Roman बिगड़े भी वो अगर तो बड़ी बात हो गयीधड़कन बढ़ी तो साँस की खुशबू बिखर गयी
आँचल उड़ा तो रंग की बरसात हो गयीजी चाहता है मान भी लें, अब ख़ुदा को हम
जिसका यकीं न था वो क़रामात हो गयी
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दिल खुश है आज उनसे मुलाक़ात हो गयी
गो दूर ही से बात हुई बात हो गयीउनसे हमारा कोई त'आल्लुक़ तो बन गया
बिगड़े भी वो अगर तो बड़ी बात हो गयीधड़कन बढ़ी तो साँस की खुशबू बिखर गयी
आँचल उड़ा तो रंग की बरसात हो गयीजी चाहता है मान भी लें, अब ख़ुदा को हम
जिसका यकीं न था वो क़रामात हो गयी