दार भी था तुमसे हि घर घर कहलाया: - The Indic Lyrics Database

दार भी था तुमसे हि घर घर कहलाया:

गीतकार - नरेंद्र शर्मा | गायक - मुकेश | संगीत - सुधीर फड़के | फ़िल्म - भाभी की चुड़ियां | वर्ष - 1961

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दर भी था थीं दीवारें भी
तुमसे ही घर घर कहलायासूना मंदिर था मन मेरा बुझा दीप था जीवन मेरा
प्रतिमा के पावन चरणों में मैं दीपक बनकर मुस्काया
तुमसे ही घर घर ...देवालय बन गया सुहावना माँ तुमसे मेरा घर-आँगन
आँचल की ममता माया में पाई पाई सुख की शीतल छाया
तुमसे ही घर घर ...कैसे हो गुणगान तुम्हारा जो कुछ भी है वरदान तुम्हारा
तुमने ही मेरे जीवन के सपनों को सच कर दिखलाया
तुमसे ही घर घर ...आँखें मेरी ज्योति तुम्हारी रह न गईं राहें अंधियारी
रहने दो मेरे माथे पर माँ तुमने जो हाथ बढ़ाया
तुमसे ही घर घर ...