पास बैठो तबियत बहल जाएगी - The Indic Lyrics Database

पास बैठो तबियत बहल जाएगी

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - सी. अर्जुन | फ़िल्म - पुनर्मिलन | वर्ष - 1964

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पास बैठो तबियत बहल जाएगी
मौत भी आ गई हो तो टल जाएगी
धार काजल की तुम और तीखी करो
माँग होठों की मीठी हँसी से भरो
ज़िन्दगी झूमने पर मचल जाएगी
हमने माना के छाई है काली घटा
गोरे गालों से गेसू हटा दो ज़रा
इस अंधेरे में एक शम्मा जल जाएगी
ग़म ने छेड़ा हमे तुम न छेड़ा करो
जो तुम्हारे हैं उनसे ना पर्दा करो
मुस्कुरा दो तमन्ना निकल जाएगी