नदिया किनारे हेराये आई कंगना - The Indic Lyrics Database

नदिया किनारे हेराये आई कंगना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - अभिमान | वर्ष - 1973

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नदिया किनारे हेराए आई कंगना
ऐसे उलझ गए अनाड़ी सजना
काहे पनघट उपर गई थी चलके अकेली
मारे हँस हँस ताना, सारी सखियाँ सहेली
गोरी और जाओ, ना मानो कहना
अब खड़ी खड़ी सोचूँ, देखे हैं सांस ननदिया
तब का करी हो बहाना
अब तो सुनी कलाई, लईके चोरी चोरी जाना
भारी पड़ा रे पिया से मिलना