मिल मिल के गायंगे हो हो दो दिल यहाँ - The Indic Lyrics Database

मिल मिल के गायंगे हो हो दो दिल यहाँ

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दुलारि | वर्ष - 1949

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र : ( मिल-मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
ल : एक तेरा एक मेरा
र : हूँ हूँ
ल : हाँ हाँ ) -२ल : उल्फ़त के पैमाने भरपूर हैं
र : सब चूर हैं
ल : दुनिया की नज़रों से हम दूर हैं
र : दुख दूर हैं
ल : छुप-छुप के मिलने की अब रुत कहाँ -२
दिन अपने रात अपनी अपना जहाँ
अपना जहाँल : मिल-मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
र : एक तेरा एक मेरा
ल : हूँ हूँ
र : हाँ हाँर : अहा हा
ल : अहा हार : इस जब में आहें न फ़रियाद है
ल : दिल शाद है
र : नगरी ये हर ग़म से आज़ाद है
ल : आबाद है
र : गुलशन है उलफ़त का हम हैं जहाँ
गीत अपने बोल अपने अपनी ज़बाँ
अपनी ज़बाँर : मिल-मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
ल : एक तेरा एक मेरा
र : हूँ हूँ
ल : हाँ हाँदो : मिल-मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा
हूँ हूँ
हाँ हाँ