दिल ऐ दिल बहारों से मिलो - The Indic Lyrics Database

दिल ऐ दिल बहारों से मिलो

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - एक फूल चार कांटे | वर्ष - 1960

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दिल ऐ दिल बहारों से मिल
सितारों से आँखें मिला
ये समाँ ये रंगीं समाँ
मौसम भी है प्यार का
यही है मेरे तेरे ख़्वाबों की दुनिया
दिल ऐ दिल ...बहुत पास थी प्यार की मंज़िलें
मगर रास्ता भूल जाते थे हम
अगर दिल की नज़रों से तुम देखते
खड़े सामने मुस्कुराते थे हम
दिल ऐ दिल ...अचानक ख़यालों में आकर मेरे
तुम्हीं मेरी नींदें चुराते रहे
तुम्हें हम ने दिल में बुलाया तो था
मगर तुम ही दामन बचाते रहे
दिल ऐ दिल ...मुहब्बत का ये गीत गाते हुए
हम इस राह में आज खो जायेंगे
ज़माना ये अब चाहे जो भी करे
लिया जिस ने दिल उस के हो जायेंगे
दिल ऐ दिल ...