सांवर गई संवर गई क़िस्मत ये संवर गई - The Indic Lyrics Database

सांवर गई संवर गई क़िस्मत ये संवर गई

गीतकार - महबूब | गायक - श्रीनिवास, उदित नारायण | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - दिल ही दिल में | वर्ष - 1999

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सँवर गई सँवर गई क़िसमत ये सँवर गई -२मिला दूल्हा ऐसा दुल्हन निखर गई -२सँवर गया सँवर गया नसीबा सँवर गयामिली दुल्हन ऐसी दूल्हा निखर गया -२नसीबों वाला है ख़ुशी ये पाई हैखिले हैं फूल तेरे सहरे केख़ुशी मुबारक हो दुल्हनये नई सुबह जीवन कीतुझपे छयें ना कोई अंधेरेबाबुल ने गोद खिलाया तू उन से भी शर्माईकैसा ये वक़्त है आया दुहाईइन बाँहों में झुलाया हर ग़म से तुझको बचायातू हम को ही दर्द दे जायेगीप्यार से भरेंगे दामन ले जायेंगे तुझे साजनतेरे लिये सजाई महफ़िल तू बनी है सुहागनबाबुल भी नाचेंगे झूमेंगेहाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय -२
हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय
हाय हाय हाय
हाय हाय हाय हाय हाय हाय
हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय -२
हाय हाय हायओ चरागों के बदले जलेगा ये दिल अब रोशन होगी ऐसी शामें मेरी -२हवाओं को ठण्डक मिलेगी ज्यादा उन में घुलेंगी जब ये आहें मेरीतू अगर नज़र आयेगी ये निग़ाह झुक जायेगीतेरे साये को चूमेगी आँख ये भर आयेगीपर दुआयें देंगी तुझको जीवन भरख़ुशियों की जीवन भर ख़ुशियों कीसँवर गई सँवर गई क़िसमत ये सँवर गई
मिला दूल्हा ऐसा दुल्हन निखर गई -२सँवर गया सँवर गया नसीबा सँवर गया
मिली दुल्हन ऐसी दूल्हा निखर गया -२काजल से आँखें किया कजरारीगजरों से महकाईं ज़ुल्फ़ें सुनहरीकाजल से आँखें किया कजरारी
गजरों से महकाईं ज़ुल्फ़ें सुनहरीसर से पाँव तक गहनों में सज केआई शामियाने में, दुल्हन नवेलीमृदंग की ताल पे बाँढे हार दुल्हन को दूल्हाएक अकेला दिल फूलों को बर्सा के देता है ये दुआतुम सदा ही जीती रहना फूलों मेंख़ुशियों में फूलों में ख़ुशियों मेंसँवर गई सँवर गई क़िसमत ये सँवर गई
मिला दूल्हा ऐसा दुल्हन निखर गई -२सँवर गया सँवर गया नसीबा सँवर गया
मिली दुल्हन ऐसी दूल्हा निखर गया -२बाबुल ने गोद खिलाया तू उन से भी शर्माई
कैसा ये वक़्त है आया दुहाई
इन बाँहों में झुलाया हर ग़म से तुझको बचाया
तू हम को ही दर्द दे जायेगी