गीतकार - गुलजार | गायक - लता - हरिहरन | संगीत - विशाल | फ़िल्म - हु तू तू | वर्ष - 1999
View in Romanइतना लंबा कश लो यारो, दम निकल जाए
ज़िन्दगी सुलगाओ यारो, ग़म निकल जाए
यारो, यारो
दिल में कुछ जलता है, शायद धुआँ धुआँ सा लगता है
आँख में कुछ चुभता है, शायद सपना कोई सुलगता है
दिल फूँकों और इतना फूँकों, दर्द पिघल जाए
ज़िन्दगी सुलगाओ यारो, ग़म निकल जाए
तेरे साथ गुजारी रातें, गर्म गर्म सी लगती हैं
सब रातें रेशम की नहीं पर, नर्म नर्म सी लगती हैं
रात ज़रा करवट बदले तो, बल निकल जाए
ज़िन्दगी सुलगाओ यारो, ग़म निकल जाए