तारों की ज़ुबाँ पर है मुहब्बत की कहानी - The Indic Lyrics Database

तारों की ज़ुबाँ पर है मुहब्बत की कहानी

गीतकार - परवेज शम्सी | गायक - लता, रफी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नौशेरवां-ए-आदिल | वर्ष - 1957

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तारों की ज़ुबाँ पर है मुहब्बत की कहानी
ऐ चाँद मुबारक हो तुझे रात सुहानी
तारों की ज़ुबाँ पर है मुहब्बत की कहानी
ऐ चाँद मुबारक हो तुझे रात सुहानी
कहते हैं जिसे चाँदनी है नूर-ए-मुहब्बत
तारों से सुनेहरी है हमेशा तेरी क़िस्मत
जा जा के पलट आती है फिर तेरी जवानी
ऐ चाँद मुबारक हो तुझे रात सुहानी
छाया हुआ दुनिया पे मुहब्बत का असर है
कहते हैं जिसे चाँद मेरा दाग़-ए-जिगर है
तारों से कहा करता है ये दिल की कहानी
ऐ चाँद मुबारक हो तुझे रात सुहानी
हम हो न हो दुनिया यूँ ही आबाद रहेगी
ये ठण्डी हवा और ये फ़िज़ा याद रहेगी
रह जाएगी दुनिया में मुहब्बत की निशानी
ऐ चाँद मुबारक हो तुझे रात सुहानी$