चांदनी रात थाडे रहियो ओ बांके यारी - The Indic Lyrics Database

चांदनी रात थाडे रहियो ओ बांके यारी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई है
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के बाद
आज की रात बड़ि देर के बाद आई हैठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे ठाड़े रहियो
ठाड़े रहियो-(३)ठहरो लगाई आऊँ, नैनों में कजरा
ठहरो लगाई आऊँ
कजरा
चोटी में गूँद आऊँ फूलों का गजरा
मैं तो कर आऊँ सोलह सिंगार रे
मैं तो
मैं तो कर आऊँ सोलह सिंगार रे -२
कर आऊँ सोलह सिंगार रे
ठाड़े रहियोsaragamजागे न कोई हाँऽ
जागे न कोई आऽ
जागे न कोई -२
जाऽone person leaves the place
miinaa halts singing, and starts to leave the place
but Nadira (gauhar jaan) indicates her to resumeठाड़े रहियो -३
हो ठाड़े रहियो हो बाँके यार रे ठाड़े रहियोजागे न कोई
आ जागे न कोई रैना है थोड़ी
बोले छमाछम पायल निगोड़ीऽ
बोले(some music)निगोड़ीऽ
बोले छमाछम पायल निगोड़ी
हो अजी धीरे से खोलूँगी द्वार रे
सय्याँ धीरे से
मैं तो चुपके से
अजी हौले से खोलूँगी द्वार रे
सय्याँ धीरे से खोलूँगी द्वार रेठाड़े रहियो -३
हो ठाड़े रहियो हो बाँके यार रे
बाँके यार रे -२
ठाड़े रहि
gun shot