बत्तियां बुझा दो कुछ बात ऐसी हैं - The Indic Lyrics Database

बत्तियां बुझा दो कुछ बात ऐसी हैं

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - खिलाड़ी 420 | वर्ष - 2000

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बत्तियां बुझा दो कुछ बात ऐसी है
उजाले में ना होगी मुलाक़ात ऐसी है
बत्तियां बुझा दो ...मुश्किल से हम मिले हैं चाहत के सिलसिले हैं
आओ जान-ए-जां तुम्हें हम प्यार दें
ऐ पूछो न हम कहां हैं बाहों के दरमियां हैं
बहके बहके से दीवाने यार हैं
हमें पागल कर देगी ये रात ऐसी है
बत्तियां बुझा दो ...तुम ज़रा जो हँस दिये समां बदल गए
होश तो गया मगर हम स.म्भल गए
देख के तुम्हें सनम हम मचल गए
रूह से उठा धुआं तन पिघल गए
हमको जलाती है हाय
हमको जलाती है बरसात ऐसी है
बत्तियां बुझा दो ...