मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे - The Indic Lyrics Database

मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे

गीतकार - अर्श लखनवी | गायक - नूरजहां | संगीत - फ़िरोज़ निज़ामी | फ़िल्म - दोपट्टा (पाकिस्तान) | वर्ष - 1952

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हो
मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे
हवा के संग लहराऊँ, लहराऊँ रे
हो
मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे
तू धरती पर मुझे बुलाये, मुझे बुलाये
मैं आकाश को जाऊँ रे
हवा के संग लहराऊँ, लहराऊँ रे
हो
मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे
( जुगनू बन कर चम-चम चमकूँ
उड़ती फिरूँ हवाओं में )
हो बरखा बन कर छम-छम बरसूँ
हो छम-छम बरसूँ
छुपती फिरूँ घटाओं में
गीत मिलन के गाऊँ रे
हवा के संग लहराऊँ, लहराऊँ रे
हो
मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे
( चन्दा की नगरी में जा कर
छुन-छुन नाचूँ-गाऊँ मैं )
हो चन्दा तारें सुन-सुन नाचें
हो सुन-सुन नाचें
ऐसा गीत सुनाऊँ रे
ऊँचा नगर बसाऊँ रे
हवा के संग लहराऊँ, लहराऊँ रे
हो
मैं बन पतंग उड़ जाऊँ रे