तुम्हें याद होगा कभी - The Indic Lyrics Database

तुम्हें याद होगा कभी

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - हेमंत, लता | संगीत - कल्याणजी-आनंदजी | फ़िल्म - सट्टा बाजार | वर्ष - 1959

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तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे
मुहब्बत की राहों में मिल के चले थे
भूला दो मुहब्बत में हम तुम मिले थे
सपना ही समझो के मिल के चले थे ...
डूबा हूँ ग़म की गहराइयों मे
सहरा हैं यादों का तनहाइयों में
सहरा हैं यादों का तनहाइयों में ...
कहीं और दिल की दुनिया बसा लो
क़सम है तुम्हें वो क़सम तोड़ डालो
क़सम है तुम्हें वो क़सम तोड़ डालो ...
नई दिल की दुनिया बसा न सकूँगा
जो भूले हो तुम वो भुला न सकूँगा
जो भूले हो तुम वो भुला न सकूँगा ...
अगर ज़िंदगी हो अपनी ही बस में
तुम्हारी क़सम हम न भूलें वो क़समें
तुम्हारी क़सम हम न भूलें वो क़समें ...$