ये दिल और उनकी निगाहों के सये - The Indic Lyrics Database

ये दिल और उनकी निगाहों के सये

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - प्रेम पर्वत | वर्ष - 1973

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ये दिल और उनकी, निगाहों के साये-(३)
मुझे घेर लेते, हैं बाहों के साये-(२)पहाड़ों को चंचल, किरन चूमती है-(२)
हवा हर नदी का बदन चूमती है-(२)
यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों के साये-(२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...लिपटते ये पेड़ों से, बादल घनेरे-(२)
ये पल पल उजाले, ये पल पल अंधेरे-(२)
बहुत ठंडे ठंडे, हैं राहों के साये-(२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...धड़कते हैं दिल कितनी, आज़ादियों से-(२)
बहुत मिलते जुलते, हैं इन वादियों से-(२)
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये-(२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...