ना तुम हमें जानो, ना हम तुम्हें जाने - The Indic Lyrics Database

ना तुम हमें जानो, ना हम तुम्हें जाने

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - सुमन कल्याणपूर - हेमंत कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - बात एक रात की | वर्ष - 1962

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ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हें जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
वो होंठों की बात चुप है
ख़ामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ
नज़र बन गई है, दिल की जबां
मोहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का ले के ये कारवाँ
चले आज दोनों जाने कहाँ