कलियों सी पलके हैं पलकों में काजल हैं - The Indic Lyrics Database

कलियों सी पलके हैं पलकों में काजल हैं

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - हरिहरन | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - विश्वविधाता | वर्ष - 1997

View in Roman

कलियों सी पलकें हैं पलकों में काजल हैचाँदनी सा चेहरा है कैसे स.म्भालें दिलज़ुल्फ़ें घटाओं सी गालों पे काला तिलकमसिन अदायें हैं कैसे स.म्भालें दिलखिलती जवानी है रुत भी सुहानी हैफूलों के चेहरों पे किस की कहानी हैपंछी की तरह क्यूँ चाहतें हैं चंचलठण्डी हवाओं में आज कैसी हलचलहोंठों पे छलकी है इकरार की शबनमतेरे ख़यालों में है प्यार की सरगमलहरा रहा है यूँ कामनी का आँचललहरा रहा जैसे नदिया का निर्मल जल