आया मेरे दिल में तू बन के दिल की आरज़ू - The Indic Lyrics Database

आया मेरे दिल में तू बन के दिल की आरज़ू

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सहगान, सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दास्तां | वर्ष - 1950

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( ओ आया मेरे दिल में तू बन के दिल की आरज़ू
तेरा शुक्रिया ) -२सु : नगमा है तू मैं तेरा साज़ हूँ
को : हाँ हाँ मैं तेरा साज़ हूँ
सु : तेरे ही दिल की एक आवाज़ हूँ
को : हाँ दिल की एक आवाज़ हूँ
सु : मैंने तुझको तूने मुझको
कभी ढूँढा नज़ारों में बहारों में
छुप-छुप छुप-छुप
को : छुप-छुप छुप-छुप
सु : ओ मेरी दुनिया तू ही तू
तुझको मेरी जुस्त्जू
तेरा शुक्रियासु : देखो न छेड़ो दिल के तार को
को : न छेड़ो दिल के तार को
सु : जाने न कोई मेरे प्यार को
को : न जाने कोई प्यार को
सु : अपनी बातें दिल की घातें
कहीं दुनिया न सुन पाये सितम ढाये
छुप-छुप छुप-छुप
को : छुप-छुप छुप-छुप
सु : ओ आँखों ही आँखों में तू
कर ले मुझसे गुफ़्तगू
तेरा शुक्रिया