ना तू ज़मीं के लिए है ना आसमां के लिए - The Indic Lyrics Database

ना तू ज़मीं के लिए है ना आसमां के लिए

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - दास्तान | वर्ष - 1972

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ना तू ज़मीं के लिए है ना आसमां के लिए
तेरा वज़ूद है अब सिर्फ़ दास्तां के लिए
पलट के सू-ए-चमन देखने से क्या होगा
वो शाख़ ही न रही जो थी आशियाँ के लिए
ग़रज़-परस्त जहां में वफ़ा तलाश न कर
ये शै बनी थी किसी दूसरे जहां के लिए