इशारों इशारों में - The Indic Lyrics Database

इशारों इशारों में

गीतकार - एस. एच. बिहारी | गायक - आशा - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - कश्मीर की कली | वर्ष - 1964

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इशारों इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तूने सिखा कहाँ से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सिखा है तुमने जहाँ से
मेरे दिल को तुम भा गए, मेरी क्या थी इस में खता
मुझे जिसने तडपा दिया, यही थी वो जालिम अदा
ये रांझा की बातें, ये मजनू के किस्से
अलग तो नहीं हैं मेरी दास्ताँ से
मोहब्बत जो करते हैं वो मोहब्बत जताते नहीं
धड़कने अपने दिल की कभी, किसी को सुनाते नहीं
मज़ा क्या रहा जब के खुद कर दिया हो
मोहब्बत का इज़हार अपनी जुबां से
माना के जान-ए-जहां लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी कुछ तो मगर दाद दो
बहारों को भी नाज़ जिस फूल पर था
वही फूल हम ने चुना गुलसिता से