मंजिल वाही है प्यार की रहही बादल गये - The Indic Lyrics Database

मंजिल वाही है प्यार की रहही बादल गये

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - सुबीर सेन | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - कठपुतली | वर्ष - 1957

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मंज़िल वही है प्यार की राही बदल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नयेदुनिया की नज़रों से दूर जाते हैं हम तुम जहाँ
उस देश की चाँदनी गायेगी ये दास्ताँ
मौसम था वो बहार का दिल खिल मचल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नयेछुप न सके मेरे राज़, नग़मों में ढलने लगे
रोका था दिल ने मगर, पहलू बदलने लगे
वो दिन ही कुछ अजीब थे जो आज कल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये