इस रेशमी पाज़ेब की झनकार के सदके - The Indic Lyrics Database

इस रेशमी पाज़ेब की झनकार के सदके

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - लैला मजनू | वर्ष - 1975

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इस रेशमी पाज़ेब की झनकार के सदके
जिसने ये पहनाई है उस दिलदार के सदके
उस ज़ुल्फ़ के क़ुर्बां लबो-रुख़सार के सदके
हर जलवा था एक शोला हुस्न-ए-यार के सदके
जवानी माँगती थी ये हसीं झनकार बरसों से
तमन्नी बुन रही थी धड़कनों के हार बरसों से
छुप-छुप के आने वाले तेरे प्यार के सदके
जवानी सो रही थी हुस्न की रंगीं पनाहों में
चुरा लाए हम उनके नाज़नीं जलवे निगाहों में
किस्मत से जो हुआ है उस दीदार के सदके
नज़र लहरा रही है जिस्म पे मस्ती सी छाई है
दोबारा देखने के शौक़ ने हलचल मचाई है
दिल को जो लग गया हे उस आज़ार के सदके