न रो ऐ दिल, कहीं रोने से तक़दीरें बदलती हैं - The Indic Lyrics Database

न रो ऐ दिल, कहीं रोने से तक़दीरें बदलती हैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - उडन खटोला | वर्ष - 1955

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न रो ऐ दिल, कहीं रोने से तक़दीरें बदलती हैं
कहीं आँसू बहाने से तमन्नाएं निकलती हैं
 
नतीजा मिल गया हमको किसी से दिल लगाने का
सितम देखा नसीबों का, करम देखा ज़माने का
मोहब्बत आह भरती है, वफ़ाएं हाथ मलती हैं
 
लिये जाते थे ऐ दिल, हम तेरी नैय्या किनारे पर
मोहब्बत के भरोसे पर, उम्मीदों के सहारे पर
खबर क्या थी के ज़ालिम आँधियाँ भी साथ चलती है