उद जावुं री मैं टू तारोन की दुनिया में - The Indic Lyrics Database

उद जावुं री मैं टू तारोन की दुनिया में

गीतकार - प्रदीप | गायक - अमीरबाई | संगीत - सरस्वती देवी | फ़िल्म - आम्रपाली | वर्ष - 1945

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उड़ जावूँ रे -२
मैं तो तारों की
मैं तो तारों की दुनिया में उड़ जावूँ रे
उड़ जावूँ रे -२
मैं तो तारों की दुनिया में उड़ जावूँ रेआज जो मैं पँख कहीं पाऊँ रे
पाऊँ रे
सपनों की नगरी में मैं उड़ जावूँ रे
जावूँ रे
तारों को तोड़ लाऊँ रे
उड़ जावूँ रे -२
मैं तो तारों की दुनिया में उड़ जावूँ रेदीखते हैं देखो कितने प्यारे-प्यारे
नीलम की थाली में चम-चम सितारे
आपस में खेल रहे आँख-मिचोली -२
मैं मन में ललचाऊँ रे
उड़ जावूँ रे -२
मैं तो तारों की दुनिया में उड़ जावूँ रेमेरी जवानी ने खोली है पाँखें
आज मिलावुँगी
आज मिलावुँगी मैं चन्दा से आँखें
ए ए
चन्दा से आँखें
चल मेरे मनवा आकाश की ओर -२
मैं तुझपे वार जावूँ रे
उड़ जावूँ रे -२
मैं तो तारों की दुनिया में उड़ जावूँ रे