तुम्हें बाग़ों में सावन में - The Indic Lyrics Database

तुम्हें बाग़ों में सावन में

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - शमशाद | संगीत - सज्जाद हुसैन | फ़िल्म - मगरूर | वर्ष - 1950

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तुम्हें बाग़ों में सावन में नज़ारे याद करते हैं
चले आओ तुम्हें आँसू हमारे याद करते हैं
बहारें पूछती हैं मेरी आँखों से पता तेरा
चमन में फूल तुझको प्यारे-प्यारे याद करते हैं
पपीहे पी-पी कह के गीत अक्सर भूल जाते हैं
तुम्हें रो-रो के जब हम ग़म के मारे याद करते हैं
वही नज़रें जिन्हें तुमने कभी उल्फ़त सिखाई थी
उन्हीं मासूम नज़रों के इशारे याद करते हैं$