लग गई छोट करेजवा में सैगल - The Indic Lyrics Database

लग गई छोट करेजवा में सैगल

गीतकार - | गायक - के एल सहगल | संगीत - | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1934

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लग गई चोट करेजवा में-२
हाय रामा
नैनों के तीर मोहे मार गयो सैय्यां-२
ओ लग गई चोट करेजवा में, हाय राम
लग गई चोट करेजवा मेंआना अचानक मैं नहीं जानूं रे-२
घायल करके, हाय, घायल करके, हाय, घायल करके
सिधार गयो सैय्यां
लग गई चोट करेजवा में, हाय राम, लग गई चोटकुछ माज़रा सुनाता हूँ मैं हुस्न-ओ-इश्क़ का
लैला का एक आशिक़-ए-दीवान क़ैस था
बाद-ए-फ़ना था दोनो का मदफ़न जुदा जुदा
लेकिन वो दोनों क़ब्रों से आती थी ये सदा
लग गई चोट करेजवा में, हाय राम, लग गई चोटकोरत-ए-मजनू के जा पूछ किसीने ये ??क़ुन?
याद कुछ लैला कि अब भी है बाकी खतातन?
आह ठंडी भर के बोला खेंच कर मुँह से कफ़न
क्या??
लग गई चोट करेजवा में, हाय राम, लग गई चोट