लच्छमी मुरात दारस दिखाये - The Indic Lyrics Database

लच्छमी मुरात दारस दिखाये

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - कानन देवी | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - स्ट्रीट सिंगर | वर्ष - 1938

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लछमी मूरत दरस दिखाये -२
सिर पर मुकुत गले में माला -२
मन ललचाये
लछमी मूरत दरस दिखाये -२( है क्या कोई सोहावन सपना
धन माया सब अपना-अपना ) -२
नाहिं-नाहिं खूली आँख में
नाहिं-नाहिं नहीं खूली आँख में
सपना कहाँ समायलछमी मूरत दरस दिखाये -२लालच की खरी बी धूप ये है
ना पिछले जनम की रूप ये है
लालच की खरी बी धूप ये है
ना पिछले जनम की ये रूप पे है( हो नहीं सकता डूबा सूरज
रात को सामने आये ) -२
( ना धोखा ना ये छल है
क्या पिछले करम का फल है ) -२
कोई जतन हो जाये
ये देवि हाथ न आ