दिल का मिज़ाज इश्क़िया - The Indic Lyrics Database

दिल का मिज़ाज इश्क़िया

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2014

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रुक रुक के कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं

रुक रुक के कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
दिल का मिज़ाज इश्क़िया

तनहा हैं लोगों में
लोगों में तन्हाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
चोटें भी खाएं
और गुनगुनायें
ऐसा ही था ये
ऐसा ही है ये

मस्ती में रहता है
मस्ताना सौदाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
अरे दिल का मिज़ाज इश्क़िया

शर्मीला शर्मीला
परदे में रहता है…
दर्दों के झोंके भी
चुपके से सहता है
निकलता नहीं है गली से कभी
निकल जाये तो दिल भटक जाता है

अरे बच्चा है अखिरर
बहक जाता है…
ख़्वाबों में रहता है
बचपन से हरजाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
आआ

गुस्से में बलखाना
गैरों से जल जाना
मुश्किल में आये तो
वादों से टल जाना
उलझने की इसको
यूँ आदत नहीं
मगर बेवफाई
शराफत नहीं
ये जज़बाती होक
छलक जाता है

इश्क़ में होती है
थोड़ी सी गर्मायी
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
अरे दिल का मिज़ाज इश्क़िया

रुक रुक के इश्क़िया
झुक झुक के इश्क़िया
रुक रुक के कहते हैं
कहते हैं कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं
रहते हैं इश्क़
इश्क़ इश्क़ इश्क़िया
इश्क़िया इश्क़िया.