फलक के चांद का हमने जवाब देख लिया: - The Indic Lyrics Database

फलक के चांद का हमने जवाब देख लिया:

गीतकार - वाली साहब | गायक - जी. एम. दुर्रानी | संगीत - शांति कुमार | फ़िल्म - एक दिन का सुल्तान | वर्ष - 1945

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फ़लक़ के चाँद का
फ़लक़ के चाँद का हमने जवाब देख लिया
ज़मीं की गोद में कल
ज़मीं की गोद में कल माहताब देख लिया
किसी की शरबती आँखें -२
बसा के आँखों में -२
बिना पीये हुये लुत्फ़-ए-शराब देख लिया -२निगाह-ए-शौक़ ने रुख़ से उठा के पर्दे को -२
कली का हुस्न गुलों का शबाब देख लिया -२
ज़मीं की गोद में कल
ज़मीं की गोद में कल माहताब देख लियाउधर तो बुझ गये
उधर तो बुझ गये लेकिन इधर तो लग उठे -२
बुझा के आग अनोखा अज़ाब देख लिया -२
ज़मीं की गोद में कल
ज़मीं की गोद में कल माहताब देख लिया
फ़लक़ के चाँद का
फ़लक़ के चाँद का हमने जवाब देख लिया
ज़मीं की गोद में कल माहताब देख लिया