ये वादियां ये फ़िज़ाएं बुला रही हैं तुम्हे - The Indic Lyrics Database

ये वादियां ये फ़िज़ाएं बुला रही हैं तुम्हे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - आज और कल | वर्ष - 1963

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ये वादियाँ ये फ़िज़ाएं बुला रही हैं तुम्हे-२
खामोशियों की सदाएं बुला रही हैं तुम्हे
ये वादियाँ ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हेतुमहारी ज़ुल्फों से खुशबू की भीख लेने को
झुकी झुकी सी घटाएं बुला रही हैं तुम्हे
खामोशियों की सदाएँ ...हसीं चम्पाई पैरों को जबसे देखा है
नदी की मस्त अदाएं बुला रही हैं तुम्हे
खामोशियों की सदाएँ ...मेरा कहा ना सुनो दिल की बात तो सुनलो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं तुम्हे
खामोशियों की सदाएं बुला रही हैं तुम्हेये वादियाँ ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हे ...