कितना मज़ा आ रह हैं - The Indic Lyrics Database

कितना मज़ा आ रह हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - राजा जानी | वर्ष - 1972

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हूँ हाय
कितना मज़ा आ रहा है
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा है
तीर-ए-नज़र चल रहे हैं
अरमाँ निकल रहे हैं
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा है( पहले हमको तुमसे कुछ गिले थे
इसलिये तुम्हें ना हम मिले थे ) -२
रुत बदल रही है, हम भी बदल रहे हैं
अरमाँ निकल रहे हैं
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा है
तीर-ए-नज़र चल रहे हैं
अरमाँ निकल रहे हैं
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा हैआ
( दोनों मिल के आज मुसकुरायें
एक बात तुमको हम सुनायें ) -२
हमने ये सुना है के लोग जल रहे हैं
अरमाँ निकल रहे हैं
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा है
तीर-ए-नज़र चल रहे हैं
अरमाँ निकल रहे हैं
हो ओ ओ कितना मज़ा आ रहा है