रात निखरी हुई ज़ुल्फ़ बिखारी हुई - The Indic Lyrics Database

रात निखरी हुई ज़ुल्फ़ बिखारी हुई

गीतकार - के मनोहर | गायक - मुकेश | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - हम हिंदुस्तानी | वर्ष - 1960

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(रात निखरी हुई, ज़ुल्फ़ बिखरी हुई
हर अदा तेरी फूलों की डाली
आज सुबह नहीं होने वाली
आज सुबह नहीं होने वाली) -२यह समा थम गया, ये हसीं अदाएं देखके -२
धड़कनें सो गईं, ये नशीली आँखें देखके
... देखके ...
रात निखरी हुई ...
रात निखरी हुई ...रँग भरी मस्तियाँ, ये बहारों के काफ़िले-२
हम चले तुम चले कोई साथ साथ चल दिये
... चल दिये ...
रात निखरी हुई ...
रात निखरी हुई ...