याह फूलों का गजरा यह मेरा सिंगारी - The Indic Lyrics Database

याह फूलों का गजरा यह मेरा सिंगारी

गीतकार - अंजुम जयपुरी | गायक - सुमन कल्याणपुर | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - सारा जहां हमारा | वर्ष - 1961

View in Roman

यह फूलों का गजरा यह मेरा सिंगार
कोई ले के आया है सपने हज़ारये गजरों के फूलों में क्या मिल गया
ज़मीं झूम उठी आसमां हिल गया
हवाओं में उड़ने लगे आज हम
कि उनकी नज़र में भी देखा है प्यार
हो कोई ले के आया है ...उन आँखों ने भी कुछ कही दास्ताँ
मुस्कराने लगा आज सारा जहाँ
साँस लेने में बजती हैं शहनाइयाँ
आ गई ज़िन्दगी में अनोखी बहार
हो कोई ले के आया है ...मेरी आँखों ने देखा था सपना कोई
बन गया मुहब्बत में अपना कोईइ
दो क़दम अब तो चलना भी मुश्किल हुआ
बात वो हो गई जिसका था इन्तज़ार
यह फूलों का गजरा ...