वो लड़की है कहां जिस ढूंढता हुं मैं हर कहीं - The Indic Lyrics Database

वो लड़की है कहां जिस ढूंढता हुं मैं हर कहीं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, शान | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - दिल चाहता है | वर्ष - 2001

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जिसे ढूँढता हूँ मैं हर कहीं
जो कभी मिली मुझे है नहीं
मुझे जिस के प्यार पर हो यकीं
वो लड़की है कहाँजिसे सिर्फ़ मुझ से ही प्यार हो
जो ये कहने को तैयार हो
सुनो तुम ही मेरे दिलदार हो
वो लड़की है कहाँजो तुम्हारे ख्वाबों में है बसी
वो हसीन मूर्ति प्यार की
मिलेगी तुम्हें कभी ना कभी
ज़रा देखो यहाँ वहाँ
चलो ढूँढते हैं हम तुम यहीं
वो परी वो हूर वो नाज़नीं
जिसे देखो तो कहो तुम वहीं
अरे ये तो है यहाँजाने क्यूँ खयाल आया मुझे
कि वो लड़की कहीं तुम तो नहीं
तुम में हैं वो सारी खूबियाँ
जिन को ढूँढता मैं हर कहींतुम्हें धोखा लगता है हो गया
मुझे है समझ लिया जाने क्या
ना मैं हूँ परी ना मैं अप्सरा
करो तुम ना ये ग़ुमाँजिसे ढूँढता हूँ ...हे हे हे हे हे हे हे हेमान लो अगर मैं ये कहूँ
के मेरे ख्वाबों में तुम ही तो हो
जान लो मेरा अरमान है
के मेरे साथ ही अब तुम रहोमुझे तुमने क्या ये समझा दिया
मेरे दिल को जैसे धड़का दिया
मेरे तन बदन को पिघला दिया
वो सुनाई दास्ताँजिसे ढूँढता हूँ मैं हर कहीं
जो कभी मिली मुझे है नहीं
मुझे जिसके प्यार पर हो यकीं
वो लड़की है कहाँ
वो लड़की है यहाँ
हे हे हे हे हे हे हे हे