आवाज़ दे के हमन तुम बुलाओ - The Indic Lyrics Database

आवाज़ दे के हमन तुम बुलाओ

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - प्रोफ़ेसर | वर्ष - 1962

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लता: आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओअभी तो मेरी ज़िंदगी है परेशां
कहीं मर के हो खाक भी न परेशां
दिये की तरह से न हमको जलाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओरफ़ी: मैं सांसों के हर तार में छुप रहा हूँ
मैं धड़कन के हर राग में बस रहा हूँ
ज़रा दिल की जानिब निगाहें झुकाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओलता: ना होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओरफ़ी: आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओ