ज़िंदगी को बिना प्यार कोई कैसे गुज़ारे - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी को बिना प्यार कोई कैसे गुज़ारे

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक, सारिका कपूर | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - हां मैंने भी प्यार किया | वर्ष - 2002

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हे हे हे हे हे हे हे हे हे हा हा हा हा हे हे हे हे
ज़िंदगी को बिना प्यार कोई कैसे गुज़ारे
महबूब की आँखों में बड़ी बात है प्यारे
आते हैं ज़मीं पर कभी ये चाँद सितारे
महबूब की आँखों में ...आ हा हा ओ हो हो

इस उम्र में बन जाएगी कोई तो कहानी हो
तनहा नहीं कटती है ये मदहोश जवानी
कोई नया दिलबर चुनो कितनी हसीं रात है
छुप के कोई धड़कन सुनो कह दो जो दिल में बात है
मिलते हैं नसीबों से ये बाहों के सहारे
महबूब की आँखों में ...ल ल ला
हो ओ आ हा हा हा
बन जाओ किसी के किसी को अपना बना लो हो हो
पलकों के झरोखों में कोई सपना सजा लो
यादों में तुम खोए रहो सारे जहाँ को भूल के
ज़ुल्फ़ों तले सोए रहो भीगे लबों को चूम के
नज़रों में बसा लो सभी रंगीन नज़ारे
आ हा हा
महबूब की आँखों में ...