तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवा - The Indic Lyrics Database

तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवा

गीतकार - हसरत | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - मगरूर | वर्ष - 1950

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तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवा
तुमको हमारी उमर लग जाए
तुम्हें और क्या ...
मुरादें हों पूरी सजे हर तमन्ना
मुहब्बत की दुनिया के तुम चाँद बनना
बहारों की मंज़िल पे हँसना-हँसाना
ख़ुशी में हमारी भी आवाज़ सुनना
कभी ज़िन्दगी में कोई ग़म न आए
तुमको हमारी उमर ...
मुझे जो ख़ुशी है तुम्हें क्या बताऊँ
भला दिल की धड़कन को कैसे छुपाऊँ
कहीं हो न जाऊँ ख़ुशी से मैं पागल
तुम्हें देख कर और भी मुस्कराऊँ
ख़ुदा दिलजलों की नज़र से बचाए
तुमको हमारी उमर ...
सितारों से ऊँचा हो रुतबा तुम्हारा
बनो तुम हर इक ज़िन्दगी का सहारा
तुम्हें जिससे उल्फ़त हो मिल जाए तुमको
समझ लो हमारी दुआ का इशारा
मुक़द्दर तुम्हारा सदा जगमगाए
तुमको हमारी उमर ...$