दोल रहई है नय्या मेरी - The Indic Lyrics Database

दोल रहई है नय्या मेरी

गीतकार - प्रदीप | गायक - अशोक कुमार, पारो | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शिकारी | वर्ष - 1946

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डोल रही है, डोल रही है, डोल रही है नैया
डोल रही है नैया मेरी डोल रही है नैया
आ हो हो
हो हो हो हो -३( आज पूनम का चाँद खिला हँस रही है रात
आज चमकीली लहरों का चंचल है गात ) -२
मैं अकेला हूँ किससे कहूँ अपने मन की बात
( हो
कहाँ जाऊँ, कहाँ जाऊँ, कहाँ जाऊँ रे ) -२मेरी राधा है कौन मैं हूँ किसका कन्हैया
मेरी राधा
मेरी राधा है कौन मैं हूँ किसका कन्हैयाडोल रही है नैया मेरी डोल रही है नैया
डोल रही है, डोल रही है, डोल रही है नैया
डोल रही है नैया मेरी डोल रही है नैया
हो