बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का - The Indic Lyrics Database

बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का

गीतकार - विश्वामित्र आदिली | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - हम लोग | वर्ष - 1951

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बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का
कब टूटेगा बलम फ़ासला दूर कामैं तड़पूँ निस दिन हाय
चैन नहीं आये
जिया है भारी
दिल में आग लगाये
बदरिया कारी
पिया साँवरे दिया है मुझ को
बदला कौ क़ुसूर का
कब टूटेगा बलम ...उठाऊँ कब तक ग़म का भार
बुरा संसार
न भाये जीना
बहती है दिन रात
आँख की मीना
दिल का सौदा कर सौदाग़र
मौसम नहीं गुरूर का
कब टूटेगा बलम ...