जिंदगी है प्यार से प्यार में बिटाए जा - The Indic Lyrics Database

जिंदगी है प्यार से प्यार में बिटाए जा

गीतकार - पं सुदर्शन | गायक - सहगान, खान मस्ताना | संगीत - रफीक गजनवी, मीर साहेब | फ़िल्म - सिकंदर | वर्ष - 1941

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ज़िंदगी है प्यार से, प्यार में बिताये जा
हुस्न के हुज़ूर पे अपना दिल लुटाये जा
अपना सर झुकाये जाज़िंदगी है एक रात, प्यार उस में है चिराग़
ये चिराग़ जितनी देर जल सके जलाये जा
रौशनी लुटाये जाज़िंदगी है एक बाग़, प्यार इस में है बहार
उस में आँख का ख़ुमार डाल कर मिलाये जा
शौक़ से पिलाये जाज़िंदगी है एक जुआ, दूर से देखता है क्या
आगे बढ़ कर अपनी जान, दाव पर लगाये जा
हँसके मात खाये जाज़िंदगी जुनून है जुनून से निभाये जा
तु अपने अज़्म को ख़ुदा-ए-ज़िन्दगी बनाये जा
आस्माँ पे छाये जाहुस्न है शबाब है, वक़्त लाजवाब है
मैं भी चेहचहा उठूँ, तू भी चेहचहाये जा
बन्सरी बजाये जा