सांची कहें तोरे आवन से हमारे - The Indic Lyrics Database

सांची कहें तोरे आवन से हमारे

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - जसपाल सिंह | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - नदिया के परी | वर्ष - 1982

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साँची कहें तोरे आवन से हमरे
अंगना में आई बहार भौजी
लक्ष्मी सी सूरत ममता की मूरत
लाखों में एक हमार भौजीतुलसी की सेवा चंदरमा की पूजा
कजरी जैसा अंगनवा में गूँजा
अब हमने जाना के फगवा सिवा भी-२
होते हैं कितने त्योहार भौजी, साँच ...ये घर था भूतन का डेरा
जब से भया तुम्हरा पग फेरा
दुनिया बदल गई हालत सम्भल गई-२
अन धन के लागे भँडार भौजी, साँच ...बचपन से हम काका कहि-कहि के हारे
कोई हमें भी तो काका पुकारे
देई दे भतीजा फुलवा सरीखा-२
मानेंगे हम उपकार भौजी, साँच ...