मेरी आई हैं हो - The Indic Lyrics Database

मेरी आई हैं हो

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - जोहरा बाई, अमीर बाई, सहगान | संगीत - हुस्नलाल -भगतराम | फ़िल्म - हम एक हैं | वर्ष - 1946

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मेरी रो रो अँखियाँ लाल हुईँ

भो: क्यूँ रो रो अँखियाँ लाल हुईँ

अमीरबाई:

औरों के साजन फूल समझ कर

प्यार से गरवा लगाएँ

हमरे साजन जान मट्टीसा

देर हमें ठुकराएँ

भोला:

ऐसा रूप सुहाना तुम्हरा

सजधज ऐसी प्यारी

पूरनमा का चन्दा जैसे

फागुन की फूलवारी

अमीरबाई:

लाज की मारी कह न सकूँ मैं

और जिया ना माने

मन में रह के मन के बासी

मन की बात न जाने